नहीं राजीव नहीं । यह दिन ख़राब नहीं है। मेरी पूरी ज़िंदगी ख़राब है । दिया के आने के बाद से मेरी पूरी ज़िंदगी बर्बाद और बकवास हो गई है । मैं अपने खुद के लिए कुछ कर नहीं सकती और ऐसी ज़िंदगी का वादा…
पक्षपात
मुझे पता है कि पापा और आप ने मुझे और अक्षय को एक अच्छी परवरिश देने के लिए अपनी सारी ज़िंदगी बहुत मेहनत की है। लेकिन इस सारी दौलत का फ़ायदा क्या है अगर…
अच्छा बेटा
मैंने नहीं चाहा था की मैं ऐसा हूँ। बहुत कोशिश की मैंने अपने आप से भागने की। और अपनी सारी उम्र भागा हूँ। हर दिन इस ख़ौफ़ में रहता हूँ कि मैं एक झूठी ज़िंदगी जी रहा हूँ…
नफ़रत
जब मैं छोटा था ना, शायद 7-8 साल का, मैं स्कूल में बीमार पड़ गया। मेरे सिर में बहुत तेज दर्द था, उल्टी भी हुई। तो मैं स्कूल की Nurse के ऑफ़िस में चला गया। मुझे बुख़ार भी हो गया था तो मेरे पापा मुझे pick करने आये…